भौतिकी

भौतिक विज्ञान का अर्थ है – प्रकृति का अध्ययन। प्रकृति में सम्पूर्ण ब्रह्मांड (universe) को सम्मिलित किया जा सकता है। प्रकृति के मूलभूत नियमों (fundamental laws) एवं परिघटनाओं का अध्ययन प्राकृतिक विज्ञान की जिस शाखा के अंर्तगत किया जाता है, उसे भौतिक विज्ञान (physics) कहा जाता है।

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विद्युत धारा (Electric current)

किसी चालक में आवेशों के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते है। जब किसी चालक में समय t में आवेश Q प्रवाहित होते है तो उसमें प्रवाहित धारा को निम्न प्रकार से व्यक्त करते है- $$I = Q/t $$विद्युत धारा का SI मात्रक ऐम्पियर है। विद्युत धारा एक अदिश राशि है। धारा घनत्व किसी […]

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निर्देश तंत्र (Frame of reference)

घड़ी सहित वह निर्देशांक निकाय जिसके सापेक्ष किसी कण की स्थिति को व्यक्त किया जाता है, निर्देश तंत्र कहलाता है। कार्तीय निर्देशांक निकाय सरलतम निर्देश तंत्र है। जड़त्वीय निर्देश तंत्र (Inertial frames of reference) वह निर्देश तंत्र जिसमें न्युटन के गति के नियम वैध होते है उन्हें जड़त्वीय निर्देश तंत्र कहते है। जड़त्वीय निर्देश तंत्र

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संधारित्र (Capacitor)

संधारित्र, जिसे कैपेसिटर भी कहा जाता है, एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो विद्युत ऊर्जा को संग्रहित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह दो धातु प्लेटों से बना होता है जो एक विद्युतरोधी पदार्थ द्वारा अलग किए जाते हैं। जब इन प्लेटों को एक बैटरी से जोड़ा जाता है, तो एक प्लेट पर

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घर्षण (friction)

जब हम किसी पिंड को समतल सतह पर धक्का लगाकर गतिशील करते है तो उसे बिना रुके निरंतर गति करते रहना चाहिए। लेकिन वास्तव में हम देखते है कि पिंड अंततः रुक जाता है। इसका कारण यह है कि समतल सतह पिंड की गति का विरोध करती है। अत: समतल सतह और पिंड के बीच

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त्वरण (Acceleration)

किसी पिंड के लिये समय के साथ वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं। किसी कण का त्वरण \(\vec{a}\) निम्नलिखित सूत्र द्वारा दिया गया है, $$ \vec{a} = \frac{\vec{v}}{t} $$जहाँ,  \(\vec{v}\) = कण का वेग।t = समय लिया गया।त्वरण एक सदिश राशि है। त्वरण की SI इकाई मीटर/सेकंड2 है और इसका विमीय सूत्र

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बल (Force)

किसी पिंड की स्थिति में परिवर्तन के लिये प्रयास के रुप में धक्का देना या खींचना बल (Force) कहलाता है। किसी पिंड पर बल लगाने के लिए उसके सम्पर्क में आना आवश्यक नहीं है। बल लगाने के लिए दो पिंडों में परस्पर अन्तःक्रिया होना आवश्यक है। बल एक सदिश राशि है जिसे सामान्यतः प्रतीक \(\vec{F}\)

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सदिश (Vector)

भौतिकी में हम विभिन्न प्रकार की भौतिक राशियों जैसे द्रव्यमान, वेग, त्वरण इत्यादि का अध्ययन करते है। इन भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिये केवल परिमाण या परिमाण तथा दिशा दोनों की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिये द्रव्यमान को व्यक्त करने के लिये केवल परिमाण की आवश्यकता होती है जबकि बल को व्यक्त

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प्रकाश का प्रकीर्णन (Scattering of light)

आकाश का नीला रंग, समुद्र के जल का रंग, सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य का रक्ताभ दिखाई देना, कुछ ऐसी अदभुत परिघटनाएँ हैं, जिनसे हम परिचित हैं। किसी वास्तविक विलयन में गुजरने वाले प्रकाश किरण पुंज का मार्ग हमें दिखाई नहीं देता। तथापि, किसी कोलाइडो विलयन में जहाँ कणों का साइज अपेक्षाकृत बड़ा होता

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वैद्युत क्षेत्र (Electric field)

किसी आवेश के चारों ओर का वह क्षेत्र जहां तक कोई अन्य परीक्षण धनावेश बल का अनुभव करता है वैद्युत क्षेत्र ( Electric field ) कहलाता है। विद्युत फ्लक्स विद्युत फ्लक्स का मान विद्युत क्षेत्र तथा सदिश क्षेत्रफल के अदिश गुणनफल द्वारा व्यक्त किया जाता है, विद्युत क्षेत्र में स्थित किसी पृष्ठ को लम्बवत् भेदने

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चुंबक (Magnet)

चुंबक एक विशेष पदार्थ होता है जो लोहा, निकल जैसे पदार्थों को आकर्षित करता है। चुंबक अपने चारों ओर एक क्षेत्र उत्पन्न करता है, जिसे चुंबकीय क्षेत्र कहते हैं। चुंबकीय क्षेत्र अदृश्य होता है। चुंबक में दो ध्रुव होते, ये उतरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव कहलाते है। चुम्बक के ध्रुव विरामावस्था में लटके चुम्बक का

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