भूविज्ञान

भूविज्ञान

हिमालय पर्वत की उत्पत्ति कैसे हुई?

हिमालय पर्वत की उत्पत्ति तृतीय महाकल्प (Tertiary Era) के दौरान हुई परन्तु इसमें कैम्ब्रियन से लेकर आदिनूतन युग (Cambrian to Eocene) तक के शैल पाये जाते हैं। महाद्वीपीय विस्थापन के सिद्धांत के अनुसार लारेशिया व गोंडवाना महाखण्ड के मध्य टेथिस महासागर निर्मित हुआ। टेथिस सागर में जमे स्तरित अवसादों पर संपीडन बलों के कारण वलनीकरण […]

भूविज्ञान

भूकम्प (Earthquake)

पृथ्वी के अन्दर होने वाली घटना के फलस्वरूप जब भूधरातल का कोई भाग अकस्मात कुछ क्षणों के लिए कांप उठता है तो इसे भूकम्प (Earthquake) कहते हैं, यह प्रक्रिया भूधरातल तथा इसके नीचे स्थित शैलों के प्रत्यास्थ (Elastic) या गुरुत्व साम्यावस्था (Gravitation equilibrium) की अल्पकालिक गड़बड़ी के कारण उत्पन्न होती है परन्तु तीव्रता से होने

भूविज्ञान

अरावली पर्वतमाला

अरावली भारत के पश्चिमी भाग राजस्थान में स्थित एक पर्वतमाला है। जिसे राजस्थान में आडावाला पर्वत के नाम से भी जाना जाता है, भारत की भौगोलिक संरचना में अरावली प्राचीनतम पर्वत श्रेणी है,जो गोडवाना लेंड का अस्तित्व है। यह संसार की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला है जो राजस्थान को उत्तर से दक्षिण दो भागों में

भूविज्ञान

पृथ्वी

पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां पर जीवन पाया जाता है। पृथ्वी अपनी अक्ष पर घूमती रहती है जिससे 24 घंटे का दिन व रात का चक्र बनता है। पृथ्वी पूर्व से पश्चिम दिशा में घूर्णन करती है। पृथ्वी अपनी अक्ष पर चक्कर लगाने के साथ-साथ सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है,

भूविज्ञान

अक्षांश और देशांतर

ग्लोब (glob) पर पूर्व से पश्चिम की ओर खींची काल्पनिक रेखाएं, अक्षांश रेखाएं कहलाती है। अक्षांश रेखाएं ग्लोब पर आड़ी रेखाएं होती है। पृथ्वी पर कुल 179 अक्षांश रेखाएं है, जिनमें से एक अक्षांश रेखा रेखा 00 अक्षांश पर स्थित होती है, जिसे भूमध्य रेखा कहते है। अक्षांश रेखाएं भूमध्य रेखा के समांतर होती है

भूविज्ञान

खनिज

पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्वों या यौगिकों को खनिज कहते हैं। खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्त्व हैं जिनकी एक निश्चित आन्तरिक संरचना है। एक खनिज विशेष जो निश्चित तत्त्वों का योग है, उन तत्त्वों का निर्माण उस समय के भौतिक व रासायनिक परिस्थितियों का परिणाम है।

Scroll to Top