बायोलॉजी

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रक्त क्या है?

रक्त एक तरल जीवित ऊतक है जो गाढ़ा, चिपचिपा व लाल रंग का होता है तथा रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होता रहता है। यह प्लाज्मा (निर्जीव तरल माध्यम) तथा रक्त कणिकाओं (जीवित कोशिकाओं) से मिलकर बना है। प्लाज्मा आंतों से अशोषित पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचाने तथा विभिन्न अंगों से हानिकारक […]

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गोल्डफिश

गोल्डफिश (Gold Fish) या सुनहरी मछली कार्प परिवार की मछली है। यह पालतू बनाए जाने वाली सबसे पहली मछली है और सबसे अधिक रखे जाने वाली एक्वैरियम मछली है। यह पूर्वी एशिया की मूल निवासी है और जिसकी पहचान यूरोप में 17वीं सदी के पूर्वार्ध में हुई। गोल्डफिश साइप्रिनीडी परिवार के साइप्रिनीफोरमीस क्रम की मीठे

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खरपतवार

फसली पादपों के साथ उगे वे अवांछित और अनुपयोगी पादप जो फसल की वृद्धि में बाधा उत्पन्न करते है, खरपतवार कहलाते हैं। विलायती गोखरू ( जैथियम ), गाजर घास ( पारथेनियम ) व मोथा (साइप्रस रोटेंडस) इत्यादि खरपतवार के उदाहरण है। साइप्रस रोटेंडस मोथा एक बहुवर्षीय पौधा है। मोथा एक तरह की घास (Cyperus Rotundus)

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खरीफ एवं रबी फसल

खरीफ फसलें भारत में प्रमुख खाद्यान्न फसलें हैं। वे देश के लगभग 75% कृषि क्षेत्र में उगाई जाती हैं। खरीफ फसलों में चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार, सोयाबीन, कपास और मूंगफली शामिल हैं। रबी फसलें भी भारत में महत्वपूर्ण हैं। वे देश के लगभग 25% कृषि क्षेत्र में उगाई जाती हैं। रबी फसलों में गेहूं, जौ,

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औषधीय पौधे

ऐसे पौधे जिनका उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है, औषधीय पौधे कहलाते हैं। नीम (Azadirachta indica) इसकी ऊंचाई 20 मीटर तक होती है। इसकी एक टहनी में करीब 9-12 पत्ते पाए जाते है। इसके फूल सफ़ेद रंग के होते हैं और इसकी पत्तियां हरी होती है जो पकने पर हल्की पीली–हरी हो

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सूक्ष्मजीव

मिट्टी एवं पानी में अनेक सूक्ष्म जीव उपस्थित रहते हैं। सूक्ष्मजीव इतने छोटे होते हैं कि उन्हें बिना यंत्र की सहायता से नहीं देखा जा सकता। इनमें से कुछ जैसे कि ब्रेड पर उगने वाले कवक, को आवर्धकलेंस की सहायता से देखा जा सकता है जबकि अन्य बिना सूक्ष्मदर्शी की सहायता से दिखाई नहीं देते।

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कोशिका (Cell)

रॉबर्ट हुक ने सन् 1665 में सर्वप्रथम कोशिका की खोज की थी। उन्होंने स्वयं द्वारा निर्मित सूक्ष्मदर्शी के नीचे कॉर्क की पतली परत को रखकर देखा। कॉर्क की पतली परत में उन्हें मधुमक्खी के छत्ते के समान कोष्ठ दिखाई दिए। इन कोष्ठों को रॉबर्ट हुक ने कोशिका नाम दिया कोशिकीय संगठन के आधार पर जीव

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पादप

पादप जैविक पदार्थों का निर्माण करते है जिनका उपभोग पादप स्वयं करते है। इसके अलावा मानव सहित अन्य जंतु तथा सूक्ष्मजीव प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से इन्हीं पादपों पर निर्भर करते है। पादप पर्यावरण के विभिन्न संघटकों में जैविक पदार्थों तथा पोषक तत्वों के गमन को संभव बनाते है। हरे पादप अपना आहार स्वयं तैयार

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कीटभक्षी पादप

वे पादप जो अपना भोजन कीटों से प्राप्त करते है कीटभक्षी पादप (पौधे) कहलाते है। इन्हें मांसाहारी पादप भी कहते है। इन पादपों की रचना इस प्रकार होती है कि कीट इनमें फंस जाते है। इन पौधों में विशेष प्रकार के पाचक रस होते है जो इन कीटों को पचा डालते है। ये पादप दलदली

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रेशे (Fibers)

रेशे एक पतले, लम्बे और तंतुमय पदार्थ होते हैं जो प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से पाए जाते हैं। प्राकृतिक रेशे अक्सर पौधों या जानवरों से प्राप्त होते हैं, जबकि कृत्रिम रेशे मानव निर्मित होते हैं। प्राकृतिक रेशे कपास, ऊन, सिल्क आदि प्राकृतिक रेशे है। प्राकृतिक रेशे दो प्रकार के होते हैं- पादप रेशे एवं जांतव

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