श्यानता (Viscosity)

द्रव का वह गुण जिसके कारण द्रव अपनी भिन्न-भिन्न परतों में होने वाली सापेक्ष गति का विरोध करता है, श्यानता कहलाता है।

श्यानता के गुण

जब हम किसी बर्तन में रखे द्रव को विलोडकर छोड़ देते हैं तो थोड़ी देर में द्रव स्वयं ठहर जाता है। यह श्यानता के गुण के कारण होता है।

  • गाढ़े द्रव की श्यानता पतले द्रव की तुलना में अधिक होता है।
  • जिस बिलयन की सांद्रता जितनी अधिक होगी उसकी श्यानता भी उतनी ही अधिक होगा।
  • जितना तेज हम वायु में चल सकते हैं उतना तेज जल में नहीं चल सकते क्योकि वायु की तुलना में जल की श्यानता अधिक होती है।
  • बादल के कण वायु की श्यानता के कारण बहुत धीरे-धीरे नीचे आ पाते हैं तथा वे आकाश में ही तैरते हुए प्रतीत होते हैं।

वेग प्रवणता

द्रव की परतों के बीच द्रव के प्रवाह की दिशा के अभिलम्बवत दूरी के सापेक्ष वेग परिवर्तन को वेग प्रवणता कहते हैं।

श्यानता पर ताप का प्रभाव

द्रवों की श्यानता ताप के बढ़ने पर घट जाती है। गैसों की श्यानता ताप के बढ़ने पर बढ़ जाती है।

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