किसी चालक में विद्युत आवेशों के प्रवाह में उत्पन्न बाधा को विद्युत प्रतिरोध कहते है। प्रतिरोध पदार्थ का एक गुणधर्म है जो किसी चालक में विद्युत धारा अथवा इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह का विरोध करता है। विद्युत प्रतिरोध का SI मात्रक ओम है। इसे प्रतीक Ω से प्रदर्शित किया जाता है।
प्रतिरोध की निर्भरता (Dependence of resistance)
किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता –
- चालक की लंबाई पर
- चालक के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर
- चालक के पदार्थ की प्रकृति पर
किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लंबाई (L) के अनुक्रमानुपाती तथा उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल (A) के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात $$R = \frac{ρL}{A}$$ यहाँ ρ आनुपातिकता स्थिरांक है जिसे चालक के पदार्थ की वैद्युत प्रतिरोधकता कहते है।
प्रतिरोधकों का संयोजन
प्रतिरोधकों का श्रेणीक्रम संयोजन (Series combination)
यदि R1, R2, R3 प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधक श्रेणीक्रम में जुड़े हो तो संयोजन का तुल्य प्रतिरोध
$$ R = R_1 + R_2 + R_3$$
यदि R1, R2…. Rn प्रतिरोध के n प्रतिरोधक श्रेणीक्रम में जुड़े हो तो संयोजन का तुल्य प्रतिरोध
$$ R = R_1 + R_2 +…..+ R_n$$
प्रतिरोधकों का समांतर क्रम संयोजन (parallel combination)
यदि R1, R2, R3 प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधक समांतर क्रम में जुड़े हो तो संयोजन का तुल्य प्रतिरोध
$$ \frac{1}{R}= \frac{1}{R_1} + \frac{1}{R_2} + \frac{1}{R_3}$$
यदि R1, R2…. Rn प्रतिरोध के n प्रतिरोधक समांतर क्रम में जुड़े हो तो संयोजन का तुल्य प्रतिरोध
$$ \frac{1}{R}= \frac{1}{R_1} + \frac{1}{R_2} +….+ \frac{1}{R_n}$$
वैद्युत प्रतिरोधकता
किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लंबाई (L) के अनुक्रमानुपाती तथा उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल (A) के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात $$R = \frac{ρL}{A}$$ यहाँ ρ आनुपातिकता स्थिरांक है जिसे चालक के पदार्थ की वैद्युत प्रतिरोधकता या विशिष्ट प्रतिरोध कहते है। वैद्युत प्रतिरोधकता का SI मात्रक ओम-मीटर है। इसे प्रतीक Ωm से प्रदर्शित किया जाता है। प्रतिरोधकता को इस प्रकार लिखा जाता है $$ρ = \frac{RA}{L}$$ प्रतिरोधकता का मान पदार्थ की चालकता के व्युत्क्रम मान के बराबर होता है $$\sigma = \frac{1}{rho}$$ जहाँ (sigma)चालकता है।
वैद्युत प्रतिरोधकता चालक की लम्बाई व अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करती हैं। यह पदार्थ की प्रकृति एवं ताप पर निर्भर करती है। धातुओं तथा मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता अत्यन्त कम होतीहै, जिसका परिसर 10-8Ωm से 10-6Ωm है। रबड़ तथा काँच जैसे विद्युतरोधी पदार्थो की प्रतिरोधकता 1012Ωm से 1017Ωm कोटि की होती है।
पदार्थ | प्रतिरोधकता (Ωm) |
---|---|
चांदी (Ag) | 1.59 × 10-8 |
तांबा (Cu) | 1.68 × 10-8 |
सोना (Au) | 2.44 × 10-8 |
एल्यूमीनियम (Al) | 2.65 × 10-8 |
टंगस्टन (W) | 5.60 × 10-8 |
निकल (Ni) | 6.99 × 10-8 |
लोहा (Fe) | 9.71 × 10-8 |
पारा (Hg) | 9.80 × 10-7 |
जर्मनियम (Ge) | 4.6 × 10-1 |
सिलिकॉन (Si) | 2.3 × 103 |
कांच | 1010 – 1016 |
रबर | 1013 – 1016 |
स्टील | 1.04 × 10-7 |
कार्बन स्टील | 1.50 × 10-7 |
मंगनीज स्टील | 1.70 × 10-7 |
कांस्य | 1.20 × 10-6 |
पीतल | 6.20 × 10-8 |
निकल | 4.20 × 10-7 |
टिन | 1.15 × 10-7 |
सीसा | 2.20 × 10-7 |
प्लेटिनम | 1.06 × 10-7 |
पलाडियम | 1.07 × 10-7 |
टाइटेनियम | 5.20 × 10-7 |
जिंक | 6.00 × 10-7 |
पानी (H2O) | 1.00 × 102 |
लकड़ी | 108 – 1014 |
प्लास्टिक | 1013 – 1016 |
विद्युत चालकता
चालकता का मान पदार्थ की प्रतिरोधकता के व्युत्क्रम मान के बराबर होता है अर्थात $$\sigma = \frac{1}{\rho}$$ चालकता पदार्थ की प्रकृति तथा इसके ताप पर निर्भर करती है। चालकता को निम्न प्रकार से भी व्यक्त किया जाता है $$\sigma = \frac{ne^2\tau}{m}$$ जहाँ -e = इलेक्ट्रॉन का आवेश m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान n = चालक में प्रति एकांक आयतन मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या (tau) = विश्रांति काल
कार्बन प्रतिरोध तथा वर्ण कोड
इलेक्ट्रॉनिक परिपथों में प्रायः अतिउच्च प्रतिरोधों की आवश्यकता होती है। इन्हें धातु चालकों से बनाना असुविधाजनक है क्योंकि इसके लिए तार की बहुत अधिक लम्बाई की आवश्यकता होगी। ऐसे प्रतिरोधों को अर्धचालक पदार्थों से बनाया जाता है। सबसे उचित अर्धचालक पदार्थ कार्बन है अतः इसे कार्बन प्रतिरोध कहते हैं।कार्बन प्रतिरोध बहुत छोटे होते हैं तथा काफी सस्ते होते हैं।
कार्बन प्रतिरोधों के वर्ण कोड
कार्बन प्रतिरोधों के मानों को प्रदर्शित करने के लिए वर्ण कोड का प्रयोग किया जाता है। प्रतिरोधक पदार्थ पर विभिन्न रंग की चार वलयाकार पट्टियां होती हैं। पहली तीन पट्टियाँ a, b, c प्रतिरोध के मान को व्यक्त करती हैं तथा चौथी पट्टी d विश्वशनीयता के प्रतिशत को व्यक्त करती है।
प्रथम पट्टी a का रंग ओम में प्रतिरोध के प्रथम सार्थक अंक, द्वितीय पट्टी b ओम में प्रतिरोध के दूसरे सार्थक अंक, तीसरी पट्टी c दस की घात को व्यक्त करती है।
कार्बन प्रतिरोधों के वर्ण कोड की सारणी
रंग | मान (A) | गुणक (B) | सह्यता |
---|---|---|---|
काला | 0 | 1 | ±20% |
भूरा | 1 | 10 | ±1% |
लाल | 2 | 100 | ±2% |
नारंगी | 3 | 1000 | ±0.5% |
पीला | 4 | 10000 | ±0.25% |
हरा | 5 | 100000 | ±0.1% |
नीला | 6 | 1000000 | ±0.05% |
बैंगनी | 7 | 10000000 | ±0.02% |
भूरा | 8 | 100000000 | ±0.01% |
सफेद | 9 | 1000000000 | ±0.005% |
सोना | – | 0.1 | – |
चांदी | – | 0.01 | – |
उदाहरण:
- एक कार्बन प्रतिरोधक के रंग कोड लाल-नारंगी-हरा-चांदी हैं।
- A = 2, B = 1000, C = 5, D = 0.01
- प्रतिरोध मान = (2 x 1000) x 5 = 10000Ω ±0.01%