विद्युत आवेश (Electric charge)

विद्युत आवेश (electric charge) किसी पदार्थ का गुण है जिसके कारण वह विद्युत क्षेत्र (electric field) एवं चुम्बकीय क्षेत्र (magnetic field) उत्पन्न करता है तथा इनका अनुभव करता है।

आवेश दो प्रकार के होते है- धनात्मक आवेश (positive charge) एवं ऋणात्मक आवेश (negative charge)।

जब हम दो धनात्मक आवेशों को पास लाते है तो वे परस्पर प्रतिकर्षित होते है तथा जब एक धनात्मक आवेश एवं ऋणात्मक आवेश को पास लाते है तो वे परस्पर आकर्षित होते है। अत: हम कह सकते है कि सजातीय आवेश परस्पर प्रतिकर्षित होते है तथा विजातीय आवेश परस्पर आकर्षित होते है।

कांच की छड़, फर या ऊनी वस्त्र, नायलॅान, सुखे बाल, बिल्ली की खाल पर धनात्मक आवेश होता है। संश्लेषित वस्त्र, अम्बर, प्लास्टिक की शीट पर ऋणात्मक आवेश होता है।

स्थिर आवेश विद्युत क्षेत्र (electric field) उत्पन्न करते है जबकि एकसमान वेग से गतिशील आवेश विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र दोनों उत्पन्न करते है तथा त्वरित आवेश विद्युत चुंबकीय तरंगें (electromagnetic waves) विकिरित करते है।

विद्युत आवेश एवं इसके गुणधर्म

विद्युत आवेश के मुख्यतया तीन गुणधर्म है-

  • योज्यता
  • संरक्षण
  • क्वांटमीकरण

1. विद्युत आवेशों की योज्यता

यदि किसी निकाय में एक से अधिक आवेश है तो उस निकाय का कुल आवेश उन सभी आवेशों के बीजगणितीय योग के बराबर होता है। यदि किसी निकाय में q1, q2, q3 … q n आवेश है तो उस निकाय का कुल आवेश निम्न होता है

q = q1 + q2 + q3 + ….

2. विद्युत आवेश संरक्षित रहते है

आवेश को न तो उत्पन्न कर सकते है और न ही नष्ट कर सकते है केवल इन्हें एक वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानांतरित कर सकते है।

3. विद्युत आवेश क्वांटीकृत होते है

सभी आवेश परिमाण में आवेश की मूल इकाई e के पूर्णांकी गुणज होते है अर्थात

q = ne

विद्युत आवेश हमेशा e के पूर्णांकी गुणज होता है इसे आवेश का क्वांटमीकरण कहते है। आवेश के क्वांटमीकरण का प्रायोगिक सत्यापन मिलिकन तेल बिन्दुक प्रयोग द्वारा हुआ।

कूलॅाम का नियम

किन्हीं दो बिन्दु आवेशों (point charges ) के मध्य लगने वाला बल दोनों आवेशों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
$$\vec{F} = \frac{1}{4\pi \epsilon_0 } \frac{Qq}{r^2} \hat{r}$$

कूलॅाम नियम की परिसीमाएं

  1. कूलॅाम का नियम तभी सत्य है जब बिन्दु आवेश स्थिर हो।
  2. जब आवेश स्वेच्छाचारी (arbitrary) आकार के हो तो कूलॅाम का नियम लागू नहीं होता है।
  3. कूलॅाम का नियम तभी लागू होता है जब आवेशों के बीच व्युत्क्रम वर्ग नियम का पालन करता है।

परावैद्युतांक (Dielectric Constant)

निर्वात या वायु में दो आवेशों के बीच विद्युत बल सर्वाधिक होता है। लेकिन जब उनके बीच कोई विद्युतरोधी माध्यम उपस्थित होता है तो यह बल अपेक्षाकृत कम हो जाता है। सुचालक माध्यम की उपस्थिति में बल का मान शून्य हो जाता है।अतः किसी माध्यम की उपस्थिति में आवेशों के बीच बल, निर्वात की तुलना में जितने गुना कम प्राप्त होता है उस राशि को उस माध्यम का परावैद्युतांक अथवा आपेक्षिक वियुतशीलता अथवा विशिष्ट परावैद्युतता कहते हैं।

परावैद्युतांक = निर्वात अथवा वायु में आवेशों के बीच बल / माध्यम में आवेशों के बीच बल $${ \in _r} = \frac{F}{{{F_m}}}$$ …….(1)

जब {{q_1}} तथा {{q_2}} दो बिंदु आवेश हवा में एक दूसरे से r दूरी पर स्थित हों तो उनके बीच कार्य करने वाला कूलाम का बल $$F = \frac{1}{{4\pi { \in _0}}}\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{r^2}}}$$ ……(2) जहाँ {{ in _0}} हवा अथवा निर्वात की विद्युतशीलता है।यदि इन आवेशों के बीच in विद्युतशीलता का कोई माध्यम भर दिया जाए तो उनके बीच कार्य करने वाला बल $${F_m} = \frac{1}{{4\pi in }}\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{r^2}}}$$ ……(3)

अतः समीकरण (1), (2) व (3) से $${ \in _r} = \frac{ \frac{1}{{4\pi { \in _0}}}\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{r^2}}}}}{{ \frac{1}{{4\pi in }}\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{r^2}}}}}{ \in _r} = \frac{ in }{{{ \in _0}}}$$ अतः किसी माध्यम का परावैद्युतांक उस माध्यम की निरपेक्ष विद्युतशीलता तथा निर्वात की विद्युतशीलता के अनुपात के बराबर होता है।परावैद्युत पदार्थों के परावैद्युतांक अथवा आपेक्षिक विद्युतशीलता

परावैद्युत पदार्थों के परावैद्युतांक अथवा आपेक्षिक विद्युतशीलता

n

विद्युत आवेश का एसआई मात्रक

विद्युत आवेश का एसआई मात्रक कूलॉम (C) है।

आवेश का विमीय सूत्र

आवेश का विमीय सूत्र

Scroll to Top