लघुगणक (Logarithm)

लघुगणक एक गणितीय क्रिया है जो एक संख्या को दूसरी संख्या के घात के रूप में व्यक्त करती है।

लघुगणक एक गणितीय अवधारणा है जो किसी आधार संख्या को कितनी बार स्वयं से गुणा करने पर एक निश्चित संख्या प्राप्त होती है, यह बताता है।

लघुगणक के प्रकार

लघुगणक दो प्रकार के होते हैं:

  • साधारण लघुगणक (Common logarithm)
  • प्राकृतिक लघुगणक (Natural logarithm)

साधारण लघुगणक

साधारण लघुगणक का आधार 10 होता है। इसे log10(x) से निरूपित किया जाता है।

उदाहरण के लिए: $$log_{10}(100) = 2$$

का मतलब है कि 10 की घात 2, 100 है।

प्राकृतिक लघुगणक

प्राकृतिक लघुगणक का आधार e होता है। e एक अपरिमेय संख्या है जिसका मान लगभग 2.718 है। इसे ln(x) से निरूपित किया जाता है।

उदाहरण के लिए: ln(e) = 1

का मतलब है कि e की घात 1, e है।

लघुगणक का इतिहास

लघुगणक का आविष्कार 16वीं शताब्दी में स्कॉटलैंड के गणितज्ञ जॉन नेपियर ने किया था। नेपियर ने लघुगणक का उपयोग करके एक सरल कैलकुलेटर बनाया था, जिसे नेपियर बोर्ड कहा जाता है।

लघुगणक के सूत्र

$$\log_a mn = \log_a m + \log_a n $$
$$\log_a \frac{m}{n} = \log_a m – \log_a n $$
$$\log_a m^n = n \log_a m $$
$$\log_a m = \log_b m \times \log_a b $$
$$\log_e m = 2.3026 \log_{10} m $$
$$\log_{10} m = 0.4343 \log_e m$$

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