रेशे (Fibers)

रेशे एक पतले, लम्बे और तंतुमय पदार्थ होते हैं जो प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से पाए जाते हैं। प्राकृतिक रेशे अक्सर पौधों या जानवरों से प्राप्त होते हैं, जबकि कृत्रिम रेशे मानव निर्मित होते हैं।

प्राकृतिक रेशे

कपास, ऊन, सिल्क आदि प्राकृतिक रेशे है। प्राकृतिक रेशे दो प्रकार के होते हैं- पादप रेशे एवं जांतव रेशे।

पादप रेशे

वे रेशे जो पादपों से प्राप्त होते हैं, पादप रेशे कहलाते हैं।

पादप रेशों के उदाहरण

रुई, जूट, मूंज आदि पादप रेशों के उदाहरण है।

रुई

रुई एक पादप रेशा है। रुई कपास पादप के फल से प्राप्त होती है। इसके फल नींबू के आकार के होते है‌। जब यह पूर्ण परिपक्व हो जाते है, तो टूट जाते हैं और कपास तंतुओं से ढका बिनौला दिखाई देता है।

जूट (पटसन)

जूट (पटसन) एक पादप रेशा है। जूट (पटसन) तंतु को पटसन पादप के तनों से प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम पर पादप को इसकी पुष्पन अवस्था में ही काट लेते हैं। फिर इसके तनों को कुछ दिनों तक जल में डुबोकर रखा जाता है, जिससे ये गल जाते हैं। इन तनों से पटसन तंतुओं को हाथ से पृथक कर लिया जाता है। इस प्रकार हमें जो तंतु प्राप्त होते हैं, उन्हें वस्त्र या अन्य वस्तु बनाने से पहले धागों में परिवर्तित करते हैं। जूट से पायदान, चटाई, बैग इत्यादि बनाए जाते हैं।

मूॅंज

मूॅंज एक पादप रेशा है। यह मूॅंज घास के पादप से प्राप्त होती है। मूॅंज घास का वानस्पतिक नाम सेकेरम मूॅंजा है। यह एकबीजपत्री पादप है। इसके रेशों का उपयोग चारपाई, कुर्सियां व सजावटी सामान बनाने में किया जाता है।

जांतव रेशे

वे रेशे जो जन्तुओं से प्राप्त होते हैं, जांतव रेशे कहलाते हैं।

जांतव रेशों के उदाहरण

रेशम, ऊन आदि जांतव रेशों के उदाहरण है।

ऊन

ऊन एक जांतव रेशा है। भेड़, बकरी, ऊंट, याक, खरगोश आदि जंतुओं के बालों से ऊन प्राप्त की जाती है। तंतु रूपी से मुलायम बाल ही ऊन बनाने के लिए उपयोग में लिए जाता है।

रेशम

रेशम प्राकृतिक रेशा है, जो रेशम के कीट से प्राप्त होता है।
रेशम कीट शहतुत के पौधे पर रहता है और इसकी पत्तियां खाता है। रेशम कीट के जीवन चक्र की कोकून अवस्था को वयस्क कीट में परिवर्तित होने से पहले कोकूनों को धूप में या गर्म पानी में अथवा भाप में रखा जाता है इससे रेशम प्राप्त होता है।

कृत्रिम रेशे

कृत्रिम रेशे वे रेशे हैं जिन्हें प्राकृतिक रूप से नहीं बल्कि कृत्रिम रूप से निर्मित किया जाता है। इनका निर्माण मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों से किया जाता है। कृत्रिम रेशे प्राकृतिक रेशे की तुलना में कई गुणों में बेहतर होते हैं, जैसे कि:

  • ये अधिक मजबूत और टिकाऊ होते हैं।
  • ये अधिक रंगीन और चमकदार होते हैं।
  • ये अधिक सस्ते होते हैं।

कृत्रिम रेशों के उदाहरण

नायलॉन

नायलॉन सबसे पहले विकसित किया गया कृत्रिम रेशा था। यह एक पॉलिमर रेशा है जो बहुत मजबूत और टिकाऊ होता है। इसे आमतौर पर कपड़े, रस्सी, और अन्य मजबूत वस्तुओं के निर्माण में उपयोग किया जाता है।

पॉलिएस्टर

पॉलिएस्टर एक और लोकप्रिय कृत्रिम रेशा है। यह नायलॉन की तुलना में कम मजबूत होता है, लेकिन यह अधिक मुलायम और आरामदायक होता है। इसे आमतौर पर कपड़े, घरेलू सामान, और अन्य वस्तुओं के निर्माण में उपयोग किया जाता है।

रेयान

रेयान एक सेल्यूलोज-आधारित कृत्रिम रेशा है। यह नायलॉन या पॉलिएस्टर की तुलना में कम मजबूत होता है, लेकिन यह अधिक प्राकृतिक दिखता है और महसूस होता है। इसे आमतौर पर कपड़े, घरेलू सामान, और अन्य वस्तुओं के निर्माण में उपयोग किया जाता है।

एक्रिलिक 

एक्रिलिक एक पॉलिमर रेशा है जो गर्म और आरामदायक होता है। इसे आमतौर पर कपड़े, घरेलू सामान, और अन्य वस्तुओं के निर्माण में उपयोग किया जाता है।

प्राकृतिक व कृत्रिम रेशों में अंतर

विशेषताप्राकृतिक रेशेकृत्रिम रेशे
स्रोतपौधे, जानवरमानव निर्मित
उदाहरणकपास, ऊन, रेशम, जूटनायलॉन, पॉलिएस्टर, ऐक्रिलिक
निर्माण विधिप्राकृतिक प्रक्रियारासायनिक प्रक्रिया
गुणप्राकृतिक लक्षण, जैसे कि सांस लेने योग्य, नमी अवशोषक, प्राकृतिक चमककृत्रिम लक्षण, जैसे कि टिकाऊ, रंगीन, चमकदार
उपयोगकपड़े, घरेलू सामान, औद्योगिक उत्पादकपड़े, घरेलू सामान, औद्योगिक उत्पाद
प्राकृतिक व कृत्रिम रेशों में अंतर
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