भूविज्ञान (Geology)

भूविज्ञान या भौमिकी (Geology) वह विज्ञान है जिसमें ठोस पृथ्वी का निर्माण करने वाली चट्टानों तथा उन प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जिनसे चट्टानों, भूपर्पटी और स्थलरूपों का विकास होता है।

भूविज्ञान में निम्नलिखित विषयों का अध्ययन शामिल है:

  • खनिज विज्ञान: खनिजों की संरचना, गुण, और वर्गीकरण
  • पाषाण विज्ञान: चट्टानों के प्रकार, उनकी उत्पत्ति, और वर्गीकरण
  • संरचनात्मक भूविज्ञान: चट्टानों की संरचना और विकृति
  • भूआकृति विज्ञान: पृथ्वी की सतह पर विभिन्न प्रकार के भू-आकृतियों का अध्ययन
  • भूभौतिकी: पृथ्वी के भौतिक गुणों का अध्ययन
  • भूवैज्ञानिक कालक्रम: पृथ्वी के इतिहास का अध्ययन
  • अर्थशास्त्र: खनिज संसाधनों का अध्ययन और उनका उपयोग

भूविज्ञान के अध्ययन से हमें पृथ्वी के इतिहास, उसके निर्माण, और उसकी संरचना के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। यह जानकारी प्राकृतिक आपदाओं, जैसे कि भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट, की भविष्यवाणी करने में मददगार हो सकती है। इसके अलावा, भूविज्ञान हमें खनिज संसाधनों का पता लगाने और उनका उपयोग करने में भी मदद करता है।

भूविज्ञान के कुछ महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों में शामिल हैं:

  • खनिज अन्वेषण: खनिज संसाधनों का पता लगाना और उनका मूल्यांकन करना
  • पर्यावरणीय भूविज्ञान: प्राकृतिक आपदाओं का अध्ययन और उनसे बचाव के उपाय करना
  • इंजीनियरिंग भूविज्ञान: बांधों, सड़कों, और इमारतों जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए उपयुक्त स्थानों का चयन करना
  • पेट्रोलियम भूविज्ञान: तेल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन का पता लगाना और उनका उत्पादन करना
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