भूकम्प (Earthquake)

पृथ्वी के अन्दर होने वाली घटना के फलस्वरूप जब भूधरातल का कोई भाग अकस्मात कुछ क्षणों के लिए कांप उठता है तो इसे भूकम्प (Earthquake) कहते हैं, यह प्रक्रिया भूधरातल तथा इसके नीचे स्थित शैलों के प्रत्यास्थ (Elastic) या गुरुत्व साम्यावस्था (Gravitation equilibrium) की अल्पकालिक गड़बड़ी के कारण उत्पन्न होती है परन्तु तीव्रता से होने पर भारी जान-माल का नुकसान करती है। पृथ्वी की गहराई में जहाँ पर शैलों में विक्षोभ होता है वहीं से ही पृथ्वी में कम्पन होता है। विक्षोभ होने वाले स्थान से दूरी के साथ ही कम्पन कम होता जाता है और साथ ही साथ विध्वंस भी कम होता जाता है। ज्वालामुखी विस्फोट, भ्रंशन के कारण शैल संस्तरों के विस्थापन से, भूस्खलन इत्यादि से भी भूकम्प उत्पन्न हो सकते हैं। भूकम्प के दौरान तीन तरह की भूकम्पीय तरंगों का संचारण होता है।

Scroll to Top