प्रकृति से प्राप्त उपयोगी संसाधन ‘प्राकृतिक संसाधन’ कहलाते हैं।
प्राकृतिक संसाधन के प्रकार
प्राकृतिक संसाधन निम्न दो प्रकार के हो सकते हैं-
जैविक संसाधन
ये संसाधन प्राकृतिक रूप से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष माध्यम से हरे पादपों की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा होते हैं। भोज्य पदार्थ, फल, काष्ठ, रबर, तेल, दुग्ध, दुग्ध-उत्पाद, मत्स्य, मांस तथा चमड़ा आदि को जैविक संसाधन कहते हैं। जीवाश्म ईंधन (कोयला, तेल व प्राकृतिक गैस) भी जैविक संसाधन है।
अजैविक संसाधन
निर्जीव उत्पत्ति वाले प्राकृतिक संसाधन जैसे – खनिज पदार्थ, स्वच्छ जल, शैल, लवण तथा रसायन आदि अजैविक संसाधन कहलाते हैं।
उपयोग एवं उपभोग होने के बाद पुन: निर्मित होने की क्षमता के आधार पर प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं-
- नवीकरणीय संसाधन
- अनवीकरणीय संसाधन
प्राकृतिक संसाधन का प्रबंधन
प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम दक्ष एवं लाभदायक उपयोग ताकि पर्यावरण के माध्यम से गुणवत्तायुक्त मानव जीवन संभव हो सके।
प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के विशिष्ट उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
- पारिस्थितिकीय संतुलन एवं जीवन सहायक तंत्र का रख-रखाव।
- जैव विविधता संरक्षण।
- सतत विकास।