प्रकाश का ध्रुवण (Polarisation of Light)

जब प्रकाश टूरमैलीन नामक दो क्रिस्टलो में से गुजारा जाता है तो दूसरे क्रिस्टल को घुमाने पर उसमें से बाहर निकलने वाले प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन होता है, इस घटना को प्रकाश का ध्रुवण कहतें हैं।

टूरमैलीन का पहला क्रिस्टल जो प्रकाश की तरंगों को ध्रुवित करता है, ध्रुवक (Polariser) कहलाता है।

टूरमैलीन का दूसरा क्रिस्टल जो पहले क्रिस्टल से निकलने वाले प्रकाश की परीक्षा करता है की वह ध्रुवित है अथवा नहीं,विश्लेषक (Analyser) कहलाता है।ध्रुवण की परिघटना प्रकाश में होती है ध्वनि में नहीं क्योकिं प्रकाश तरंगे अनुप्रस्थ होती है जबकि ध्वनि तरंगे अनुदैर्घ्य होती है।

प्रकाश के ध्रुवण की शब्दावली

अध्रुवित प्रकाश

प्राकृतिक प्रकाश अथवा अध्रुवित प्रकाश में वैद्युत वेक्टर के कम्पन प्रकाश की संचरण की दिशा के लम्बवत तल में सभी दिशाओं में सममित रूप से होते है। अध्रुवित प्रकाश को एक तारे द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

ध्रुवित प्रकाश

ध्रुवित प्रकाश में वैद्युत वेक्टर के कम्पन प्रकाश संचरण की दिशा के लम्बवत सभी दिशाओं में सामान रूप से न होकर केवल एक दिशा में होते हैं। इन्हें एक सीधी रेखा या बिंदु से दर्शाते हैं। इन्हें ही ध्रुवित प्रकाश कहते हैं।

ध्रुवण तल

वह तल जिसमे प्रकाश के संचरण की दिशा स्थित हो तथा जो कम्पन तल के अभिलम्बवत हो ध्रुवण तल कहलाता है।

कम्पन तल

समतल ध्रुवित प्रकाश में वह तल जिसमें प्रकाश के चलने की दिशा वैद्युत वेक्टर के कम्पन की दिशा दोनों ही स्थित हों कम्पन तल कहलाता है।

द्विअपवर्तक

जब प्रकाश की कोई किरण कुछ विशेष क्रिस्टलों जैसे कैल्सिट अथवा टूरमैलीन पर आपतित होती है तो वह क्रिस्टल में प्रवेश करने पर दो अपवर्तित किरणों में विभाजित हो जाती है।

एक आपतित किरण का दो अपवर्तित किरणों में टूट जाने की घटना को द्विपवर्तन कहतें हैं।

द्विवर्णकता

टूरमैलीन क्रिस्टल द्विअपवर्तन क्रिया में प्राप्त दो समतल ध्रुवित अपवर्तित किरणों में से उस एक किरण को जिसमे कम्पन क्रिस्टल के प्रकाशिक अक्ष के लम्बवत होते हैं को पूर्णतया अवशोषित कर लेता है तथा दूसरी किरण जिसमें कम्पन प्रकाशिक अक्ष के समान्तर होते हैं क्रिस्टल में बिना अवशोषित हुए निकल जाती है।

इस प्रकार पूर्णतया समतल ध्रुवित प्रकाश मिल जाता है। टूरमैलीन क्रिस्टल द्वारा वर्णात्मक अवशोषण की इस क्रिया कोद्विवर्णकता कहते हैं।

ब्रूस्टर का नियम तथा ध्रुवण कोण

इस नियम के अनुसार – किसी पारदर्शी माध्यम का अपवर्तनांक उसके ध्रुवण कोण की स्पर्शज्या (tangent) बराबर होता है।

ध्रुवण कोण- किसी पारदर्शी माध्यम का ध्रुवण कोण वह आपतन कोण है जिस पर उस माध्यम के पृष्ठ पर गिरने वाले प्रकाश का पृष्ठ से परावर्तित भाग पूर्णतया ध्रुवित हो जाता है।

वायु-कांच के लिए आपतन कोण 57 डिग्री होता है।

पोलेराइड

पोलेराइड समतल ध्रुवित प्रकाश प्राप्त करने का सबसे सरल एवं सस्ता साधन है। यह एक बड़े आकार की फिल्म होती है जो कांच की दो प्लेटो के बीच रखी होती है।

इस फिल्म को बनाने के लिए कार्बनिक यौगिक हर्पेथाइट के अति सूक्ष्म क्रिस्टल नाइट्रोसेलुलोस की एक पतली चादर पर इस प्रकार फैला दिए जाते हैं कि उनके प्रकाशिक अक्ष समान्तर रहे।

जब अध्रुवित प्रकाश का किरण पुंज पोलेराइड फिल्म से गुजरता है तो फिल्म केवल उन घटको को पारगत करती है जिनके वैद्युत वेक्टर ध्रुवण की दिशा के समान्तर कम्पन करते हैं।

पोलेराइडों के उपयोग

  • प्रकाश के चकाचौंध से बचाने के लिए।
  • वायुयान तथा ट्रैन में लगे कांच में प्रकाश की तीव्रता को नियंत्रित में।
  • पोलेराइड द्वारा 3D चित्रों को देखा जा सकता है।
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