निर्देश तंत्र (Frame of reference)

घड़ी सहित वह निर्देशांक निकाय जिसके सापेक्ष किसी कण की स्थिति को व्यक्त किया जाता है, निर्देश तंत्र कहलाता है। कार्तीय निर्देशांक निकाय सरलतम निर्देश तंत्र है।

जड़त्वीय निर्देश तंत्र (Inertial frames of reference)

वह निर्देश तंत्र जिसमें न्युटन के गति के नियम वैध होते है उन्हें जड़त्वीय निर्देश तंत्र कहते है। जड़त्वीय निर्देश तंत्र को गैलिलीयन निर्देश तंत्र भी कहते है।

जड़त्वीय निर्देश तंत्र में यदि किसी पिंड पर कोई बल कार्यरत नहीं हो तो वह एकसमान वेग से गति करता रहेगा या स्थिर रहेगा। अत: जड़त्वीय निर्देश तंत्र में कण पर किसी प्रकार का त्वरण कार्य नहीं करता है। यदि कोई निर्देश तंत्र जड़त्वीय निर्देश तंत्र के सापेक्ष स्थिर है या नियत वेग से गतिशील है तो वह निर्देश तंत्र भी जड़त्वीय होगा। दो जड़त्वीय निर्देश तंत्र तुल्य होते है क्योंकि इनमें के न्यूटन गति के नियम समान रुप से लागू होते है।

अजड़त्वीय निर्देश तंत्र (Non-inertial frames of reference)

वह निर्देश तंत्र जिसमें न्यूटन के गति के नियम वैध नहीं होते है उन्हें अजड़त्वीय निर्देश तंत्र कहते है।
त्वरित निर्देश तंत्र, अजड़त्वीय निर्देश तंत्र कहलाते है क्योंकि इस निर्देश तंत्र में force free particle त्वरण का अनुभव करता है। अजड़त्वीय निर्देश तंत्र के सापेक्ष किसी कण की गति बाह्य बल की अनुपस्थित में भी त्वरित दिखाई देती है। एक घूर्णी निर्देश तंत्र में स्थित प्रेक्षक force free particle में भी बल का अनुभव करता है। अत: सभी घूर्णी निर्देश तंत्र अजड़त्वीय निर्देश तंत्र होते है। पृथ्वी स्वयं अपने अक्ष पर घूर्णन करती है जिससे इसमें 4 mm/sec2 का अत्यल्प त्वरण उत्पन्न होता है। अत: पृथ्वी भी एक अजड़त्वीय निर्देश तंत्र है। परंतु व्यवहार में हम पृथ्वी को जड़त्वीय मानते है।

अजड़त्वीय निर्देश तंत्र के उदाहरण

अजड़त्वीय निर्देश तंत्र के उदाहरण: पृथ्वी

आभासी बल या छद्म बल (fictitious force or pseudo force)

एक कण, जो कि एक जड़त्वीय फ्रेम (inertial frame) में स्थित है, पर त्वरण शून्य है तथा इस पर लग रहा बाह्य बल भी शून्य है। अत: यह कण स्थिर या एकसमान वेग (uniform velocity) से गति करेगा। एक अन्य अजड़त्वीय फ्रेम (non-inertial frame), जो कि जड़त्वीय फ्रेम के सापेक्ष त्वरण a0 से गति कर रहा है। अजड़त्वीय फ्रेम ( non-inertial frame ) से इस कण को देखने पर कण का त्वरण -a0 प्रेक्षित होता है तथा कण पर कार्यरत बल -ma0 । यह बल कण पर वास्तव में नहीं लगता है बल्कि लगता हुआ प्रतीत होता है। इस बल -ma0 को आभासी बल या छद्म बल (fictitious force or pseudo force) कहते है।

अभिकेन्द्रीय बल (centrifugal force), कोरियोलिस बल (coriolis force) इत्यादि आभासी बल या छद्म बल (fictitious force or pseudo force) के उदाहरण है।

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