द्विपद प्रमेय (Binomial Theorem)

द्विपद प्रमेय गणित में एक महत्वपूर्ण बीजगणितीय सूत्र है, जो किसी द्विपद के किसी धन पूर्णांक घातांक का मान निकालने का तरीका बताता है। इस द्विपद में दो चर होते हैं, जिन्हें अक्सर x और y से दर्शाया जाता है।

यहाँ सूत्र दिया गया है:

$$(a + b)^n = nCr * a^(n-r) * b^r$$

जहाँ:

  • n घातांक है।
  • k एक मान है जो 0 से n तक चलता है।
  • ⁿC_k kवें संयोजन का गुणांक है, जिसे n में से k चुनने के तरीकों की संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसे n!/(k!(n-k)!) से दर्शाया जाता है।
  • x और y द्विपद के चर हैं।

उदाहरण:

द्विपद (x + y)^3 का विस्तार करने के लिए, उपरोक्त सूत्र का उपयोग करते हुए:

  1. n = 3 होने के कारण, k 0 से 3 तक चलेगा।
  2. ⁰C_⁰ = 1
  3. ¹C_¹ = 3
  4. ²C_² = 3
  5. ³C_³ = 1

इस प्रकार, (x + y)^3 का विस्तार नीचे दिए गए अनुसार होता है:

$$(x + y)^3 = 1x³ + 3x²y + 3xy² + 1y³$$

द्विपद प्रमेय के गुण:

  • यह किसी भी द्विपद के किसी भी धन पूर्णांक घातांक को विस्तृत करने के लिए मान्य है।
  • विस्तार में प्रत्येक गुणांक एक संयोजन है।
  • विस्तार के पद सममित हैं, यानी x और y को आपस में बदला जा सकता है।
  • पास्कल त्रिकोण का उपयोग करके द्विपद प्रमेय के गुणांकों को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

द्विपद प्रमेय के उपयोग:

  • संभावना और सांख्यिकी में
  • द्विपद वितरण विश्लेषण में
  • प्रायिकता प्रमेयों के प्रमाण में
  • अनुक्रम और श्रेणियों के योगफल का निर्धारण में
  • $$(1+x)^{n} = 1+nx+\frac{n(n-1)}{2!}x^{2} + \frac{n(n-1)(n-2)}{3!}x^{3} + \dotsb \\$$
  • $$(1+x)^{-n} = 1-nx-\frac{n(n+1)}{2!}x^{2} – \frac{n(n+1)(n+2)}{3!}x^{3} + \dotsb \\$$

यदि x<<1 हो तो x2,x3,…. को नगण्य मान सकते है। अत:

  • $$(1+x)^{-n} \approx 1-nx \\$$
  • $$(1-x)^{n} \approx 1-nx \\$$
  • $$(1-x)^{-n} \approx 1+nx$$
Scroll to Top