तापीय प्रसार (Thermal expansion)

जब हम किसी वस्तु के ताप में वृद्धि करते हैं तो उसकी विमाओं जैसे लंबाई, क्षेत्रफल, आयतन आदि में वृद्धि हो जाती है। वस्तु की विमाओं में होने वाली इस वृद्धि को तापीय प्रसार कहते हैं। सामान्यतः तापीय प्रसार तीन प्रकार से हो सकते है: रैखिक प्रसार, क्षेत्र प्रसार एवं आयतन प्रसार।

रैखिक प्रसार

किसी वस्तु के ताप में वृद्धि करने पर उसकी लंबाई में वृद्धि होती है तो इसे रैखिक प्रसार कहते हैं।

रैखिक प्रसार का सूत्र है,

ΔL = αLΔT

जहां:

  • ΔL = लंबाई में परिवर्तन
  • L = मूल लंबाई
  • α = रेखीय प्रसार गुणांक
  • ΔT = तापमान में परिवर्तन

क्षेत्र प्रसार

किसी वस्तु के ताप में वृद्धि करने पर उसके क्षेत्रफल में वृद्धि होती है तो इसे क्षेत्र प्रसार कहते हैं।

क्षेत्र प्रसार का सूत्र इस प्रकार है:

ΔA = ¥A ΔT

जहां:

  • ΔA = क्षेत्रफल में परिवर्तन
  • A = मूल क्षेत्रफल
  • ¥ = क्षेत्रीय प्रसार गुणांक (K^-1)
  • ΔT = तापमान में परिवर्तन (K)

आयतन प्रसार

किसी वस्तु के ताप में वृद्धि करने पर उसकी आयतन में वृद्धि होती है तो इसे आयतन प्रसार कहते हैं।

आयतन प्रसार का सूत्र:

ΔV = βVΔT

जहां:

  • ΔV = आयतन में परिवर्तन (m³)
  • β = आयतन प्रसार गुणांक (K⁻¹)
  • V = प्रारंभिक आयतन (m³)
  • ΔT = तापमान में परिवर्तन (°C)
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