जड़त्व आघूर्ण (Moment of inertia)

जिस प्रकार कोई पिण्ड रेखीय गति में अपनी अवस्था (विराम अथवा गति) को स्वतः बदलने में असमर्थ होता है (जड़त्व का नियम) उसी प्रकार से प्रत्येक पिण्ड अपनी घूर्णन अवस्था को स्वतः बदलने में असमर्थ होता है, अर्थात कोई कारक घूर्णन अवस्था परिवर्तन का विरोध करता है। घूर्णन गति मे पिण्ड के इस गुण, जिसके कारण वह अपनी विराम अथवा एक समान घूर्णन अवस्था में परिवर्तन का विरोध करता है, जड़त्व आघूर्ण या घूर्णन जडत्व (Rotational Inertia) कहते हैं।

जड़त्व आघूर्ण के गुण के कारण यदि कोई वस्तु किसी घूर्णन अक्ष के परितः स्थिर है, तो वह स्थिर ही रहेगी और यदि वह किसी घूर्णन अक्ष के परितः एक नियत कोणीयचाल से घूम रही है, तो उस अक्ष के परितः उसी कोणीय चाल से घूमती रहेगी जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल-आघूर्ण न लगाया जाये।

पिण्ड के किसी कण का दी गई घूर्णन अक्ष के प्रति जड़त्व आघूर्ण (I), उस कण के द्रव्यमान (m) तथा कण की घूर्णन अक्ष से लम्बवत् दूरी (r) के वर्ग के गुणनफल के बराबर होता है।

द्रव्यमान m का एक कण त्रिज्या r के वृत्त में घूम रहा हो तो घूर्णन अक्ष के सापेक्ष कण का जडत्व आघूर्ण $$ I = \Sigma m_i r_i^2$$

जड़त्व आघूर्ण के मुख्य तथ्य (Main Features of Moment of inertia)

  • जड़त्व आघूर्ण, घूर्णन गति में वस्तु के घूर्णन जड़त्व की माप है।
  • घूर्णन गति मे जड़त्व आघूर्ण, रेखीय गति में द्रव्यमान के तुल्य होता है। अर्थात जिस प्रकार वस्तु का द्रव्यमान रेखीय गति में अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करता है उसी प्रकार जडत्व-आघूर्ण घूर्णन गति में अवस्था परिवर्तन का विरोध करता है।
  • जड़त्व आघूर्ण का विमीय सूत्र [ML2T0] है।
  • जड़त्व आघूर्ण का S.I. मात्रक किग्रा-मीटर2 है।
  • जड़त्व आघूर्ण प्रदिश राशि (Tensor) है लेकिन किसी निश्चित घूर्णन अक्ष के लिये यह एक अदिश राशि के रूप में प्रदर्शित होती है।
  • दी गई वस्तु या पिण्ड के लिये जड़त्व आघूर्ण का मान घूर्णन अक्ष पर निर्भर करता है अर्थात् घूर्णन अक्ष परिवर्तित होने पर जड़त्व आघूर्ण परिवर्तित हो जाता है।
  • किसी निश्चित अक्ष के लिये पिण्ड के जड़त्व आघूर्ण का मान उसके द्रव्यमान, आकृति एवंआकार पर निर्भर करता है।
  • दी गई आकृति, आकार, द्रव्यमान तथा घूर्णन अक्ष के लिये जड़त्व आघूर्ण का मान पिण्ड के द्रव्यमान वितरण पर निर्भर करता है। पिण्ड का घूर्णन अक्ष से जितना अधिक द्रव्यमान का वितरण होगा. उतना ही अधिक जड़त्व आघूर्ण का मान होगा। उदाहरणार्थ एक व्यक्ति जिसके हाथों में भारी डम्बल है एवं भुजाये तथा टांगे फैली हुई है। यदि व्यक्ति अपनी भुजाओं तथा टांगो को सिकोड़ लेता है तो डम्बल तथा टांगो की घूर्णन अक्ष से दूरी कम हो जाने पर निकाय का जड़त्व आघूर्ण कम हो जाता है।
  • समान द्रव्यमान त्रिज्या तथा आकृति की खोखली तथा ठोस वस्तुओं में से खोखली वस्तुका जड़त्व आघूर्ण ठोस वस्तु से अधिक होगा।
  • जड़त्व आघूर्ण का मान कोणीयवेग , कोणीयत्वरण, बल आघूर्ण तथा कोणीय संवेग पर निर्भर नहीं करता।

जड़त्व आघूर्ण का भौतिक महत्व(Physical Significance of Moment of Inertia)

जिस प्रकार रेखीय गति में प्रत्येक वस्तु अपनी अवस्था को स्वतः बदलने में असमर्थ होती है उसी प्रकार घूर्णन गति में भी प्रत्येक वस्तु अपनी अवस्था को स्वतः बदलने में असमर्थ होती है। रेखीय गति वस्तु की इस असमर्थता का मापन जड़त्व तथा घूर्णन गति में इस असमर्थता का मापन जडत्व आपूर्ण करता है।

जिस प्रकार रेखीय गति में वस्तु का द्रव्यमान m वस्तु के जडत्व की माप करता है उसी प्रकार घूर्णन गति में जड़त्व आघूर्ण (I) वस्तु के घूर्णन जड़त्व की माप करता है। इस प्रकार पिण्ड का द्रव्यमान (m) इसके जड़त्व का गुणांक (Co-efficient of Inertia) का मापक है जबकि जड़त्व आघूर्ण (I) पिण्ड के घूर्णन जड़त्व का गुणांक (Co-efficient of Rotational Inertia) का मापन करता है।

रेखीय गति में किसी वस्तु का द्रव्यमान अधिक होने पर उसकी स्थिति में परिवर्तन करने के लिये अधिक बल लगाना पड़ता है उसी प्रकार घूर्णन गति में वस्तु का जड़त्व आघूर्ण जितना अधिक होता है, उसकी कोणीय स्थिति में परिवर्तन करने के लिये उतने ही अधिक बल आघूर्ण लगाने की आवश्यकता होती है। यही जडत्व आघूर्ण का भौतिक महत्व है।

मोटर कार, स्कूटर, रिक्शा, बच्चों के खिलौने, साइकिल आदि में पहिये का जड़त्व आघूर्ण बढ़ाने के लिये पहियों का अधिकांश द्रव्यमान उनके रिमों पर स्थित होता है तथा रिम एवं पहिये की अक्ष का सम्बन्ध तानों (spokes) आदि की सहायता से कर दिया जाता है पहिये के जड़त्व आघूर्ण अधिक होने के कारण ही जब हम साइकिल के पैडिल पर पैर चलाना बंद कर देते हैं तो भी कुछ दूरी तक अथवा कुछ समय तक साइकिल के पहिये घूमते रहते हैं।

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