ग्रीन हाउस प्रभाव (Green house effect)

शीशे (glass) द्वारा ऊष्मा को रोक लेने के कारण शीशे के अंदर का तापमान बाहर के तापमान से काफ़ी अधिक हो जाता है। ठंडे मौसमों में ऊष्णकटिबंधीय पौधों को गर्म रखने के लिए आवरण बनाने की प्रक्रिया में इस अवधारणा का उपयोग किया गया है। इस प्रकार के आवरण को ग्रीन हाउस कहते हैं। वायुमंडलीय प्रक्रियाओं में भी ग्रीन हाउस होता है। कुछ गैसें पृथ्वी से ऊष्मा पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर जाने से रोकती हैं। वायुमंडल में विद्यमान इसप्रकार की गैसों में वृद्धि संसार के औसत तापमान को बढ़ा सकती है। इस प्रकार के प्रभाव को ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड भी एक इसी प्रकार की ग्रीन हाउस गैस है। वायुमंडल में विद्यमान कार्बन डाइऑक्साइड में वृद्धि से वायुमंडल में ऊष्मा की वृद्धि होगी। इस प्रकार के कारणों द्वारा वैश्विक ऊष्मीकरण (global warming) की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

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