किसी पिंड के कार्य (work) करने की क्षमता को ऊर्जा (energy) कहते है।
ऊर्जा (Energy) कई रुपों में मिलती है जैसे प्रकाश ऊर्जा , विद्युत ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा इत्यादि।।
ऊर्जा (Energy) को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। ऊर्जा को हम केवल एक रुप से दूसरे रुप में परिवर्तित कर सकते है। इसे ऊर्जा संरक्षण का नियम कहते है।
इस ब्रह्मांड में कुल ऊर्जा नियत रहती है लेकिन कोई यह नहीं जानता कि कुल ऊर्जा कितनी है।। ऊर्जा को हम संगृहीत कर सकते है तथा किसी अन्य पदार्थ में स्थानांतरित कर सकते है। स्थानांतरित की गई ऊर्जा को हम माप सकते है।
ऊर्जा की SI यूनिट जूल तथा CGS यूनिट अर्ग है।
ऊर्जा के रूपांतरण गुणक निम्नलिखित है
- 1 calorie = 4.2 joule
- 1 erg = 10-7 joule
- 1 kilowatt hour ( kWh ) = 3.6 ×106 joule
- 1 electron volt ( eV ) = 1.6 × 10-19 joule
ऊर्जा की विमाएं कार्य की विमाओं के समान ही होती है।
ऊर्जा संरक्षण का नियम
ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार ऊर्जा ( Energy ) को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट। ऊर्जा ( Energy ) को केवल एक रुप से दूसरे रुप में परिवर्तित किया जा सकता है।
यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical energy)
किसी पिंड में उसकी स्थिति अथवा गति के कारण निहित ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा कहते है।
यांत्रिक ऊर्जा दो प्रकार की होती है-
- गतिज ऊर्जा
- स्थितिज ऊर्जा
किसी system की स्थितिज ऊर्जा एवं गतिज ऊर्जा system की कुल यांत्रिक ऊर्जा कहलाती है।
किसी समय किसी system की सम्पूर्ण ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा अथवा गतिज ऊर्जा के रुप में हो सकती है।
यांत्रिक ऊर्जा का मान निर्देश तंत्र पर निर्भर करता है। जब कोई system बद्ध अवस्था में होता है तो उसकी यांत्रिक ऊर्जा ऋणात्मक होती है।
यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार संरक्षी बलों की उपस्थिति में किसी पिण्ड की गतिज ऊर्जा एवं स्थितिज ऊर्जा का योग अचर होता है।
गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा = अचर
गतिज ऊर्जा
किसी पिंड में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते है।
बहते जल में, धनुष से छोड़े गये तीर में, खिलाड़ी द्वारा फेंके गये गेंद में गतिज ऊर्जा होती है।
यदि द्रव्यमान m का पिंड वेग v से गतिशील है तो इसकी गतिज ऊर्जा को निम्न प्रकार से व्यक्त कर सकते है-
K.E. = ½ ( mv2 )
यदि पिंड का संवेग p हो तो-
K.E. = p2/2m
अर्थात किसी पिंड की गतिज ऊर्जा उसकी velocity एवं momentum पर निर्भर करती है।
गतिज ऊर्जा का SI मात्रक Joule है। गतिज ऊर्जा सदैव धनात्मक होती है। किसी पिंड की गतिज ऊर्जा निर्देश तंत्र पर निर्भर करती है।
वायु की गतिज ऊर्जा का उपयोग पवन चक्की में किया जाता है जिससे turbine चलाकर electricity उत्पन्न की जाती है।
स्थतिज ऊर्जा (Potential energy)
किसी पिंड में उसकी स्थिति अथवा अभिविन्यास के कारण जो ऊर्जा होती है उसे स्थितिज ऊर्जा कहते है। स्थितिज ऊर्जा पिंड में संग्रहीत ऊर्जा के रुप में होती है। खिंचे हुए धनुष के तार में, किसी उँचाई पर रखे गये पिंड में स्थितिज ऊर्जा होती है। किसी संरक्षी बल F के लिये, स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन ΔU बल द्वारा किये गये ऋणात्मक कार्य के बराबर होता है। जब किसी पिंड को बिना गति प्रदान किये पृथ्वी सतह से h उँचाई ऊपर उठाया जाता है तो बाह्य कारक द्वारा गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध किया गया कार्य mgh होगा। यह कार्य स्थितिज ऊर्जा के रुप में संचित होगा। यदि पिंड को मुक्त रुप से छोड़ा जाता है तो गति के तृतीय नियम से अर्थात पिंड को मुक्त रुप से छोड़ने पर इसमें संचित स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा के रुप में परिवर्तित हो जाती है। स्थितिज ऊर्जा ऋणात्मक अथवा धनात्मक हो सकती है। स्थितिज ऊर्जा निर्देश तंत्र पर निर्भर करती है। स्थितिज ऊर्जा एक अदिश राशि है इसका SI मात्रक Joule है।
गतिज ऊर्जा व स्थितिज ऊर्जा में अंतर
विशेषता | गतिज ऊर्जा | स्थितिज ऊर्जा |
---|---|---|
परिभाषा | किसी पिंड की गति के कारण उसमें निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। | किसी पिंड की स्थिति या संरूपण के कारण उसमें निहित ऊर्जा को स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। |
मात्रक | जूल (J) | जूल (J) |
सूत्र | $$KE=\frac{1}{2}mv^2$$ | $$PE=mgh$$ |
ऋणात्मक मान | हो सकता है | नहीं हो सकता है |
रूपांतरण | कार्य के माध्यम से एक रूप से दूसरे में रूपांतरित किया जा सकता है। | कार्य के माध्यम से एक रूप से दूसरे में रूपांतरित किया जा सकता है। |
उदाहरण | गतिमान कार, चलता हुआ आदमी, घूमता हुआ पहिया | ऊँचाई पर स्थित वस्तु, खींची गई स्प्रिंग, दबा हुआ हवा का गुब्बारा |
ऊर्जा रूपांतरण के व्यावहारिक उपयोग
क्र. | युक्ति | ऊर्जा रूपांतरण |
---|---|---|
1 | विद्युत हीटर | विद्युत ऊर्जा को ऊष्मीय ऊर्जा में |
2 | लाउडस्पीकर | विद्युत ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में |
3 | विद्युत बल्ब | विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में |
4 | डायनमो | यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में |
5 | कार की बैटरी | रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में |
6 | फेंके गये पत्थर की ऊर्जा | पेशीय ऊर्जा को गतिज ऊर्जा |
7 | वाष्प इंजन | ऊष्मीय ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में |
8 | जलता हुआ कोयला | रासायनिक ऊर्जा को ऊष्मीय ऊर्जा में |
9 | विद्युत सेल | रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में |
10 | विद्युत अपघटन | विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में |
11 | बिजली का चूल्हा | विद्युत ऊर्जा को ऊष्मीय ऊर्जा में |
12 | विद्युत बल्ब | विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में |
13 | बिजली का पंखा | विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में |
14 | टर्बाइन | यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में |
15 | पवन चक्की | पवन ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में |
16 | विद्युत चुम्बक | विद्युत ऊर्जा को चुम्बकीय ऊर्जा में |
17 | परमाणु बम | नाभिकीय ऊर्जा को ऊष्मीय और प्रकाश ऊर्जा में |
18 | माइक्रोफोन | ध्वनि ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में |
19 | सितार | यांत्रिक ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में |
20 | मोमबत्ती | रासायनिक ऊर्जा को प्रकाश एवं ऊष्मीय ऊर्जा में |
21 | विद्युत जनित्र | यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में |
FAQ
ऊर्जा के विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं?
यांत्रिक ऊर्जा, ऊष्मा ऊर्जा, प्रकाश, विद्युत, ध्वनि, चुंबकीय, रासायनिक व परमाणु ऊर्जा आदि ऊर्जा के विभिन्न रूप है।
क्या ऊर्जा को एक रूप से अन्य रूप में परिवर्तित किया जा सकता है?
हां, ऊर्जा को एक रूप से अन्य रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।